दर्शन पाठ तुम निरखत मुझको मिली – Darshan Path Tum Nirkhat Mujhko Mili
दर्शन पाठ तुम निरखत मुझको मिली ( कविश्री बुधजन ) (दोहा) तुम निरखत मुझको मिली, मेरी सम्पत्ति आज। कहाँ चक्रवर्ति-संपदा,
Read more।। जैनम् जयतु शासनम् ।।
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Read moreजैन धर्म में 24 तीर्थंकर ( भगवान ) होते है। उन सभी तीर्थंकरों की पहचान उनके नाम, चिन्ह, रंग, मोक्ष
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