Rajsthan Jain News: जैन समाज के लिए बड़ी ख़ुशी की बात। पुरे देश में हर्ष की लहर। आखिर ऐसा क्या हुआ …

Rajsthan Jain News: राजश्थान सरकार के  वर्तमान मुख्यमंत्री श्री अशोक जी गहलोत ने अपने राज्य में राज्य श्रमण संस्कृति  बोर्ड के गठन की घोषणा कर दी है।  जिससे अब दिगम्बर – श्वेताम्बर जैन साधु -साध्वियों के विहार में , सुरक्षा में कोई भी दिक्कत परेशानी न हो। आये दिन विहार के समय साधु भगवंतों के एक्सीडेंट की खबरे आती रहती है। आशा है कि अब ऐसी पुनरावृत्ति नहीं होगी। एवं भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में जैन धर्म की पताका युगों -युगों तक फहराई जाएगी।  राजस्थान गवर्मेंट को  इस सरहानीय कार्य के लिए हार्दिक शुभकामनाये jain1.com परिवार, जैन समाज की ओर से।

आखिर तपस्वी सम्राट के शिष्य की मेहनत रंग लायी 

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आचार्य श्री सुनील सागर जी से बोर्ड गठन के बारे में जानते हुए राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक जी

24 दिसम्बर 2022 को आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज के दर्शनार्थ राजस्थान CM अशोक जी वैशाली जयपुर पधारे थे।  उसी समय समाज के हित को ध्यान में रखते हुए गुरुदेव ने जैन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर ध्यान दिया।  और मुख्यमंत्री को बताया कि आखिर कितनी जरुरत है एक जैन बोर्ड गठन करने की।  परन्तु बाद में मुख्यमंत्री कार्यलय से यह संकेत मिला कि जैन बोर्ड के गठन में नहीं उसके नाम के कारण कई और भी खड़े हो जायेगे।  जो की संभव नहीं है।  तब आचार्य श्री जी ने यह नाम श्रमण संस्कृति बोर्ड रखने का सुझाव दिया।  अभी  2 महीने पहले गहलोत जी आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के सानिध्य में हो रहे पंचकल्याणक उदयपुर में भगवान के जन्मकल्याणक के अवसर पर 22 मई २०२३ को दर्शन हेतु पधारे। तब आचार्य श्री ने भी जैन संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन के लिए एक बोर्ड बनाने का मार्गदर्शन दिया।समय समय पर प्राप्त सभी जैन आचार्यों के  सुझावों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने इस बोर्ड के गठन के घोषणा की।

 

आखिर क्या जरुरत थी ? इस राज्य श्रमण संस्कृति बोर्ड के गठन की 

जैसा कि हम सभी जानते है कि अभी हाल फिलहाल में जैन आचार्य श्री कामकुमार नंदी जी महाराज जी की निर्मम हत्या कर दी गयी। जिसके विरोध में सम्पूर्ण भारत की जैन समाज ने 20 जुलाई को जगह -जगह मौन जुलुस निकालकर, अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान को बंद कर अपना विरोध जाहिर किया था।  भीलवाड़ा, इंदौर, झाँसी, ग्वालियर, दिल्ली, जगदलपुर (छत्तीसगढ़ ), बड़ौत, जयपुर, उदयपुर, नागपुर, पुणे, मुंबई, आदि स्थानों पर राष्टपति, प्रधानमंत्री, कलेक्टर आदि को ज्ञापन भी दिया गया।

इन साधु भगवंतों ने किया इसका नेतृत्व 

आचार्य श्री सुनील सागर जी, प्रज्ञ सागर जी ( दिल्ली ),  वर्धमान सागर जी (उदयपुर ), पुष्पदन्त सागर जी ( मुज़फ्फरनगर ) , विशुद्ध सागर जी (बड़ौत ) , सुबलसागर जी (चंडीगढ़ ) , विहर्ष सागर जी (इंदौर ), विमर्श सागर जी (जतारा टीकमगढ़ जन्मभूमि ) , मुनि श्री सुधा सागर जी (आगरा ) , मुनि श्री प्रमाण सागर जी (सम्मेदशिखर जी ) , मुनि श्री प्रणुत सागर, मुनि श्री आदित्य सागर जी (भीलवाड़ा ), आदि अनेक दिगमबर संतों के साथ -साथ श्वेताम्बर, हिन्दू संतों का भी मार्गदर्शन इस विरोध में प्राप्त हुआ।

 क्या एक राज्य में गठन होने से हो जाएगी जैन संतों की सुरक्षा ?

जवाब है बिल्कुल भी नहीं।  जब तक भारत देश के हर राज्य की सरकार और केंद्र सरकार ऐसी कोई समिति का गठन नहीं करती। तब तक आये दिन ऐसी घटनाये होती रहेगी। और हम फिर विरोध करेंगे दुकाने बंद करेगी और शांत बैठ जायेगे।  मगर अब की बार जैन सरकार में शामिल हो इसका भी प्रयास हमें करना ही है।  ताकि भविष्य में हम अपने जिनधर्म, जैन संत, एवं जैन मंदिरों की सुरक्षा करते हुए अपने धर्म को शास्वत रखने में अपना सहयोग दे सके।

राजस्थान ( सरकार द्वारा जारी आधिकारिक पत्र 

Jain Board shraman Sanskriri rajshthan official paper -1
पत्र 1

 

Jain Board shraman Sanskriri rajshthan official paper 2
पत्र 2

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