Karnataka : CM सिद्धरमैया ने मांगी जैन समाज की मांग। जैन समाज ने किया है कल भारत बन्द का आह्वाहन।

Karnataka Jain Muni Murder Case : कर्नाटक बेलगावी जिले के चिक्कोड़ी में हुई जैन आचार्य मुनि श्री 108 कामकुमारनन्दी जी महाराज की नृशंस  हत्या की जांच मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने  CID से कराने की घोषणा की।

कर्नाटक विपक्षीदल भारतीय जनता पार्टी और सम्पूर्ण भारत की जैन समाज ने इस मर्डर की जांच सीबीआई ( केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ) से कराने की मांग की थी।

आपको बता दे। कि अभी हाल ही में बीती 5 जुलाई को नंदिपर्वत आश्रम से जैन आचार्य कामकुमारनंदी जी का अपहरण कर करन्ट लगा कर बाद में उनके शव के  टुकड़े कर  बोरवेल में फेंक दिए गए थे।  दो दिनों तक पुलिस द्वारा सर्च अभियान चलाने पर उन शव के टुकड़ों को एकत्रित कर दाह संस्कार किया गया था।

दोनों आरोपी नारायण बसप्पा मडी और हसन दलायथ को भी तत्काल गिरफ्तार कर लिया था।   

जैन मुनि की हत्या पर सम्पूर्ण जैन समाज में आक्रोश 

इस निर्मम हत्या के विरोध में जैन समाज द्वारा देश के अलग -अलग हिस्सों में मौन जुलुस, रैलीया, प्रशासनिक अधिकारीयों को उचित कार्यवाही हेतु ज्ञापन सौंपे जा रहे है। कल समग्र जैन समाज ने हत्या के विरोध में भारत बंद का भी आह्वान किया है।

सभी दिगम्बर, श्वेताम्बर जैन साधुओं ने भी एक स्वर में इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की भरपूर निंदा व् भर्तसना की है। जैन समाज के लोगो ने पकडे गए आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।  ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो और अपराधियों में कानून का डर बना रहे।

विधानसभा में विपक्षी दल का हंगामा 

इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग सीबीआई से कराने को लेकर कर्नाटक बीजेपी ने भी विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया था।  राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने भी जैन मुनि हत्या काण्ड की जांच के लिए CM सिद्धरमैया को पत्र भी लिखा था।  जैन समाज ने भी एक उच्चस्तरीय जांच की मांग का  ज्ञापन कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत को भी सौंपा था।

क्या कहा कर्नाटक CM ने – 

कन्नड़ भाषा का हिंदी में ट्रांसलेट – जैनमुनि श्री कामकुमार नंदी महाराज की हत्या का मामला संवेदनशील होने के कारण राज्य सरकार ने जनता की मांग पर मामले की जांच सीआईडी ​​को सौंपने का फैसला किया है। 

 

 

 

 

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Karnatak CM द्वारा CID जांच की बात कहे जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर जैन समाज द्वारा एक सवाल जरूर पूछा जा रहा है ? कि CID तो राज्य सरकार के अधीन ही आती है । फिर ये कैसे करेंगे निष्पक्ष जांच ?