श्री बाहुबली स्तुति – ब्रह्मचारी रवीन्द्र जी | Shri Bahubali Swami Stuti
विश्व प्रसिद्ध भगवान गोम्मटेश्वर के नाम से विख्यात ऋषभदेव स्वामी के पुत्र श्री बाहुबली स्वामी (Bahubali Swami Stuti ) की स्तुति हम सभी के जीवन में ऐसा बल प्रदान करे। जिससे हम भी मोक्ष मार्ग पर आरूढ़ हो सके। यही सभी जीवों के लिए प्रार्थना।
श्री बाहुबली स्वामी (Bahubali Swami Stuti Hindi )
रचयिता: श्री ब्र. रवीन्द्र जी ‘आत्मन्’
प्रभु बाहुबली ऐसा बल हो || टेक ||
जीतूँ मैं मोह महाभट को, श्रद्धान सहज ही सम्यक् हो |
निज-पर का भेद-विज्ञान रहे, अंतर शुद्धातम अनुभव हो || १ ||
जड़रूप सदा आकुलतामय, भोगों का नहिं आकर्षण हो |
अध्रुव अशरण अरु दुःखरूप, परिग्रह प्रति नहिं समर्पण हो || २ ||
हो ज्ञान सहज वैराग्यमयी, वैराग्य ज्ञानमय जिनवर हो |
संकल्प सहित निर्ग्रन्थ मार्ग में, विचरण स्वामी सत्वर हो || ३ ||
उपसर्ग परिषह चाहे हों, परिणाम सदा समतामय हों |
दशलक्षण प्रगट सदा वर्तें, आराधन नित मंगलमय हो || ४ ||
हो ऐसा निश्चल आत्मध्यान, कर्मों का कर्मों में लय हो |
चैतन्य विभूति ध्रुव अनुपम, प्रगटे भक्ति का प्रभु फल हो || ५ ||
प्रभु का स्वरूप मन को भाया, ऐसी ही परिणति मेरी हो |
पुरुषार्थ जगे हो सफल भावना, विभुवर सम्यक् वंदन हो || ६ ||
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