Shri Adinath Aarti : अतिशयकारी आरती श्री आदिनाथ भगवान |
Adinath Aarti : प्रथम तीर्थंकर माता मरुदेवी के लाडले पिता श्री नाभिराय जी की आँखों के तारे जिन्होंने कष्ट से पीड़ित अनेक जीव तारे श्री १००८ आदिनाथ भगवन की महातिशयकारी आरती।
श्री आदिनाथ स्वामी आरती ( Adinath Aarti Lyrics )
अतिशय अपरम्पार है, महिमा का ना पार है |
आदिनाथ भगवान की आरती बारम्बार है ||
अतिशय अपरम्पार है..
पहली आरती गर्भोत्सव की, धनी-धन्य अवतारी की |
सोलह सपने दिखाकर माँ को स्वर्ग छोड़ यहाँ आने की ||
अतिशय अपरम्पार है..
दूसरी आरती जन्मोत्सव की, अंतिम इस जन्मोत्सव की |
पांडुशिला पर हुआ अभिषेक, छीरोदधि जल लेकर ही ||
अतिशय अपरम्पार है..
तीसरी आरती दीक्षा लेने की, प्रयोग वन को जाने की |
एक वर्ष उपवास सहे हैं, घोर तपस्याधारी की ||
अतिशय अपरम्पार है..
चौथी आरती घाति कर्मनाश की, केवलज्ञान को पाने की |
भव्यों को सन्मार्ग दिखाने, समवशरण अधिकारी की ||
अतिशय अपरम्पार है..
पांचवीं आरती आत्म ध्यान कर, सकल कर्म क्षयकारी की |
सिद्धालय में जाकर बैठे, उत्तम सुख के धारी की ||
अतिशय अपरम्पार है, महिमा का ना पार है |
आदिनाथ भगवान की आरती बारम्बार है ||