Jain News Udaipur : आचार्य श्री के सानिध्य में हुई मंगल समाधि। यमसल्लेखना पूर्वक हुआ मरण।
Jain News Udaipur : वात्सल्य वारिधि आचार्य भगवन्त श्री वर्धमान सागर जी महामुनिराज के कुशल मार्गदर्शन में जैन आर्यिका श्री 105 सुभगमती माताजी का यमसल्लेखना पूर्वक मरण आज सुबह लगभग 4:17 मिनट पर उदयपुर की पावन धरा पर हुआ।
जैसा कि हम सब जानते है कि चातुर्मास में जैन साधु एक ही स्थान पर निवास करते है। उसी श्रंखला में इस वर्ष 2023 का भव्य मंगल चातुर्मास आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज का बीसा हुम्मड भवन, उदयपुर राजस्थान की धरा पर हो रहा है। आचार्य जी के संघ में अनेक मुनि महाराज अपनी ध्यान साधना निरंतर कर रहे है।
आर्यिका श्री सुभगमती माताजी भी ने भी अपने जीवन का कल्याण करने के उद्देश्य से आचार्य श्री से दीक्षा लेकर आर्यिका पद ग्रहण किया था। जैन धर्म में साधु की असली परीक्षा उसका शांति पूर्वक मरण ही है। और इस परीक्षा में माताजी उत्तीर्ण भी हुई।
माताजी के चेहरे पर मरण के समय कोई भी शल्य भाव नहीं था। उन्होंने अपने आराध्य पंचपरमेष्ठी के नाम का स्मरण करते हुए ही श्री गुरु के चरण सानिध्य में अपने प्राणों का यमसल्लेखना पूर्वक त्याग किया।