सान्त्वनाष्टक | Santvashtak
सान्त्वनाष्टक रचनाकार :- ब्र. रवीन्द्र जी ‘आत्मन्’ शांत चित्त हो, निर्विकल्प हो, आत्मन् निज में तृप्त रहो। व्यग्र ना हो
Read more।। जैनम् जयतु शासनम् ।।
सान्त्वनाष्टक रचनाकार :- ब्र. रवीन्द्र जी ‘आत्मन्’ शांत चित्त हो, निर्विकल्प हो, आत्मन् निज में तृप्त रहो। व्यग्र ना हो
Read moreयह श्री जिनेन्द्र वंदना हिन्दी ( Shri Jinendra Vandna ) रचना पंडित प्रवर तत्वज्ञानी हुकुमचंद जी द्वारा अद्भुत काव्य सृजन
Read moreश्री सरस्वती स्तोत्र |माँ सरस्वती के 16 नाम | Saraswati Stotra | Jain Stotra | Saraswati Maa 16 Name |
Read moreपरमानन्द स्तोत्र – हिंदी अर्थ सहित | Parmanand Stotra Hindi Meaning | Jain Stotra | जैन स्तोत्र | ( परमानन्द
Read moreजैन दर्शन में सामायिक पाठ ( Samayik Path ) का विशेष महत्व बताया गया है। यह दिन में 3 बार
Read moreश्री माणिभद्र वीर जिनधर्म अनुयायीओं के रक्षक एवं प्रकट प्रभावी देव है। तपागच्छ के अधिष्ठायक देव भी माने गए है।
Read more( विद्याष्टकम Vidyaashtakam ) – इस स्तोत्र – स्तुति में पूज्य संत शिरोमणि गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी मुनिराज के
Read moreएकीभाव स्तोत्र ( Ekibhav Stotra ) : एकीभाव संस्कृत स्तोत्र के रचयिता आचार्य भगवान श्री वादिराज मुनि हैं। आपकी गणना
Read moreचौबीस तीर्थंकर स्तुति ( 24 Teerthankar Stuti ) – इस स्तोत्र का पाठ सभी साधु भगवन प्रतिदिन करते है। इस स्तोत्र
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