Shri Munisuvratnath Aarti | श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान की आरती

शनि ग्रह के कारण होने वाले कष्ट जिनकी भक्ति स्तुति करने से पल भर में ही दूर हो जाते है। ऐसे श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ भगवान (Munisuvratnath Aarti Lyrics) :-

सुप्रसिद्ध श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवन तीर्थ क्षेत्र – पैठण, जहाजपुर

19 वे तीर्थंकर श्री मुनिसुव्रतनाथ स्वामी ( Munisuvratnath Aarti ) आरती 

ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी, प्रभु जय मुनि मुनिसुव्रत स्वामी

भक्ति भाव से प्रणमूँ, जय अंतरयामी|| ॐ जय…

राजगृही में जन्म लिया प्रभु, आनंद भयो भारी

सुर-नर-मुनि गुण गायें, आरती कर थारी|| ॐ जय…

पिता तुम्हारे सुमित्र राजा, श्यामा के जाया

श्यामवर्ण मूरत है तेरी, पैठन में अतिशय दर्शाया|| ॐ जय…

जो ध्यावे सुख पावे, सब संकट दूर करें

मनवांछित फल पावें, जो प्रभु चरण धरें|| ॐ जय…

जन्म-मरण दुःख हरो प्रभु, सब पाप मिटे मेरे

ऐसी कृपा करो, प्रभु हम दास रहें तेरे|| ॐ जय…

निज-गुण ज्ञान का दीपक, ले आरती करूँ थारी

सम्यक ज्ञान दो सबको, जय त्रिभुवन के स्वामी|| ॐ जय…

ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी, प्रभु जय मुनि मुनिसुव्रत स्वामी

भक्ति भाव से प्रणमूँ, जय अंतरयामी|| ॐ जय…

|| Shri Munisuvratnath Aarti ||

जैन आरती संग्रह : 

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