Tijara Ji Jain Aarti: श्री चन्द्रप्रभु स्वामी जी देहरा तिजारा जी
Tijara Ji Jain Aarti : देहरे वाले बाबा के नाम से विख्यात जैन धर्म के चौबीस तीर्थंकरों में 8वें तीर्थंकर श्री चन्द्रप्रभु स्वामी जी देहरा तिजारा जैन मंदिर जी में दिल्ली के लाल किले से 108 किलोमीटर की दुरी पर विराजमान है। यह स्थान अत्यंत ही रमणीय, आकर्षक, एवं भव्य है।
16 अगस्त 1956 में फाल्गुन वदी सप्तमी के दिन प्रगटित भगवान श्री जी की प्रतिमा श्वेत वर्ण ( सफ़ेद रंग ) की 56 इंची के आकार की है। यहाँ पर जिनेंद्र प्रभु के दर्शन, पूजन, आरती, चालीसा के माध्यम से भक्ति करने से मन को शांति, अनेक कष्टों का निवारण कब हो जाता है। पता ही नहीं चलता। इस आरती को पढ़ने और करने से जीवन में समृद्धि सफलता की प्राप्ति होती है। हमने यहाँ उसी भक्ति की शृंखला में दो अलग -अलग आरती प्रस्तुत करने का आपके लिए प्रयास किया है। तो आईये चलते है देहरा तिजारा में विराजमान बाबा के चरणों में
Tijara ji जाने के लिए गूगल मैप का लिंक – Shri Digambar Jain Chandraprabhu swami Temple
Tijara ji Jain Aarti -आरती श्री चंद्रप्रभ जी तिजारा -1
जय चंद्रप्रभु देवा, स्वामी जय चंद्रप्रभुदेवा ।
तुम हो विघ्न विनाशक स्वामी,
पार करो देवा, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
मात सुलक्षणा पिता तुम्हारे महासेन देवा
चन्द्र पूरी में जनम लियो हैं स्वामी देवों के देवा
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
जन्मोत्सव पर प्रभु तिहारे, सुर नर हर्षाये
रूप तिहार महा मनोहर सब ही को भायें
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
बाल्यकाल में ही प्रभु तुमने दीक्षा ली प्यारी
भेष दिगंबर धारा, महिमा हैं न्यारी
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
फाल्गुन वदि सप्तमी को, प्रभु केवल ज्ञान हुआ
खुद जियो और जीने दो का सबको सन्देश दिया
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
अलवर प्रान्त में नगर तिजारा, देहरे में प्रगटे
मूर्ति तिहारी अपने अपने नैनन, निरख निरख हर्षे
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
हम प्रभु दास तिहारे, निश दिन गुण गावें
पाप तिमिर को दूर करो, प्रभु सुख शांति लावें
तुम हो विघ्न विनाशक, स्वामी पार करो देवा ॥
जय चंद्रप्रभु देवा…
Tijara ji Jain Aarti -आरती श्री चंद्रप्रभ जी तिजारा -2
म्हारा चंद्रप्रभ जी की सुन्दर मूरत, म्हारे मन भाई जी ||
म्हारे मन भाई जी , म्हारे मन भाई जी ||
म्हारा चंद्रप्रभ जी की सुन्दर मूरत, म्हारे मन भाई जी ||
सावन सुदद दशमी जतजि आई, प्रगटे जिभुवन राई जी ||
म्हारा चंद्रप्रभ जी की सुन्दर मूरत, म्हारे मन भाई जी ||
अलवर प्रांत में नगर जतिारा, दरसे देहरे मांही जी ||
म्हारा चंद्रप्रभ जी की सुन्दर मूरत, म्हारे मन भाई जी ||
सीता सती ने तुमको ध्याया, अजि में कमल रचाया जी ||
म्हारा चंद्रप्रभ जी की सुन्दर मूरत, म्हारे मन भाई जी ||
मैना सती ने तुमको ध्याया, पजत का कु ष्ट मिटाया जी ||
म्हारा चंद्रप्रभ जी की सुन्दर मूरत, म्हारे मन भाई जी ||
जिनमें भूत प्रेत जनत आते, उनका साथ छुडाया जी||
म्हारा चंद्रप्रभ जी की सुन्दर मूरत, म्हारे मन भाई जी ||
|| Tijara Ji Jain Aarti सम्पूर्णम ||
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