समाधि भक्ति पाठ (तेरी छत्र छाया)
समाधि-भक्ति तेरी छत्रच्छाया भगवन्! मेरे शिर पर हो। मेरा अन्तिम मरणसमाधि, तेरे दर पर हो जिनवाणी रसपान करूँ मैं, जिनवर
Read more।। जैनम् जयतु शासनम् ।।
समाधि-भक्ति तेरी छत्रच्छाया भगवन्! मेरे शिर पर हो। मेरा अन्तिम मरणसमाधि, तेरे दर पर हो जिनवाणी रसपान करूँ मैं, जिनवर
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